Sunday, December 6, 2009
बाबा ताऊआनंद महाराज प्रवचनमाला -1
प्रिय आत्मन,
सब कुछ पुराना होने से ही बेहतरीन नही हो जाता है और ना नया होने से ही कोई कमतर होता है. समझदार प्राणी दोनो को जांच परखकर ही किसी एक का अनुसरण करता है. जबकि मुर्ख प्राणि दूसरों की देखा देखी अनुसरण करता है. यानि वह भेड चाल से चलता है.
आज के लिये इतना ही.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Amrit ras varsha ! aho bhaaaag , dhanya, dhanya !Baba ji jindabaad.
ReplyDeleteजय हो ताऊ आनन्द की!
ReplyDeleteसत्य वचन बाबा !
ReplyDeleteहम तो किसी का भी अनुसरण उसे पुरे समझने के बाद ही करते है अब देखिये न कि इतने बाबा लोग है पर गुरु आपको ही मान रहे है |
सत्य वचन. हम भी अभी बाबाजी को परखेंगे.. :)
ReplyDeleteजय हो बाबा जी की। आज हमने भी बाबा जी की पोल खोली है है जरा सम्भल कर चलियेगा
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteregards
bahut badhiya!!
ReplyDeleteसत्य वचन बाबा
ReplyDeleteमुख्य महंत जी के प्रवचन सुनकर मन प्रसन्न हुआ.
ReplyDeleteजी, बाबा, अभिनंदन है।
ReplyDeleteसत्य वचन महाराज्!!
ReplyDeleteवैसे आजकल बाबा लोगों के ग्रह कुछ अनुकूळ नहीं चल रहे है.... तनिक जरा संभल कर :)