सुनें अपने चिट्ठों का वर्षफल श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी के श्री मुख से. यह आपके चिट्ठे के अंग्रेजी नाम के आरंभिक शब्द पर आधारित है: तुरंत देखें, आपका चिट्ठा किस शब्द से शुरु होता है और जानें वार्षिक फल:
सर्वप्रथम हिन्दी ब्लॉगजगत का संभावित भविष्य:
वर्ष २०१० मिश्रित फलकारी रहेगा. जहाँ एक ओर नये चिट्ठाकार निरंतर जुड़ते जायेंगे, कुछ पुराने चिट्ठाकार विवादों में पड़ अपने चिट्ठे बंद करने की कागार पर आ जायेंगे. गुटबाजी की संभावनाएँ बनी रहेंगी और सच होने के बाद भी नकारी जायेंगी. नये एग्रीगेटर्स आयेंगे, पुरानों में सुधार आयेगा और एक नया रुप प्रस्तुत किया जायेगा. चर्चा मंचों की बाढ़ आ जायेगी. बात बात में विवाद होंगे जिनके मुख्य विषय लिंगीय भेदभाव, धर्म और व्यक्तिगत महत्ता में कमी होंगे. अनेकों चिट्ठाकारी सम्मेलनों और मिलनों का आयोजन होगा.
A,C,F,G,U, R
यह साल आपके चिट्ठे के लिये बहुत शुभकारी रहेगा. वर्ष के पूर्वार्द्ध में टिप्पणियां बहुतायत में मिलेंगी. इस अति प्राप्ति के अहम में डुबकर आप अपने आपको एक वरिष्ठ चिट्ठाकार मानने लगेंगे और आपकी प्रविष्टियों की गुणवत्ता पर इसका प्रभाव दिखने लगेगा और उसमें कमी आने की संभावनायें हैं. गुणवत्ता की गिरावट के साथ ही प्रविष्टियां प्रविष्टी कम और खानापूर्ति ज्यादा नजर आने लगेंगी. कुछ अहम और कुछ आलस्यवश, जो कि वरिष्टता के साथ आना स्वभाविक है, आप दूसरे के ब्लागों पर टिप्पणियां करना कम देंगे या सिर्फ़ औपचारिकतावश, बढ़ियां है या अच्छा लगा, तक सीमित हो जायेंगे जो कि आपके ब्लाग पर वर्ष के उत्तरार्ध में आई टिप्पणियों की कमी का कारण बनेगा.एक बात पर आप विशेष ध्यान दें कि जो भी लिखें वो दूसरों को समझ में पूरी तरह आये या बिल्कुल न आये, तभी टिप्पणियां मिलेंगी.
E,K,L,M, X
इस वर्ष आपके चिट्ठे को मिले जुले परिणाम मिलेंगे. टी आर पी की बढ़त के बावजूद टिप्पणियों की संख्या में भारी गिरावट आयेगी. ब्लाग पर स्थानान्तरण योग है. अगर आप ब्लाग स्पाट पर हैं तो संभव है आप वर्ड प्रेस पर स्थानान्तरित हो जायें मगर प्राईवेट होस्टिंग का अगर मन बनाते हैं तो पहले ट्रेफिक काउंटर लगा कर अपनी औकात का आंकलन कर लें अन्यथा कहीं लेने के देने न पड़ जायें. कभी आपको यह अहसास भी हो सकता है कि आप इससे कुछ कमा लेंगे. तो ऐसे बहकावे में न आयें. इस तरह की अफवाह फैलाने वाले खुद भी फ्री ब्लाग स्पाट पर ही हैं और वो इतना बेहतरीन लिख लिख कर कुछ नहीं उखाड़ पा रहे तो आप क्या कर लोगे. कम से कम दृष्टिगत भविष्य में तो इसकी संभावनायें नहीं दिखती हैं.कई बार आपकी अच्छी पोस्ट भी लोग पढ़ने से कतरा जाते हैं. उसके लिये सिद्ध मंत्र है कि पोस्ट का शीर्षक भड़काऊ रखें ताकि लोग उसे देखें जरुर, भले ही उसका पोस्ट से कुछ लेना देना न हो. लोग शीर्षक और पोस्ट के सामान्जस्य को बिठाने के चक्कर में ही पूरी पोस्ट पढ़ जायेंगे. ऐसे शीर्षकों के लिये रामायण और गीता की पंक्तियां या कबीर और रहिम के दोहों के अंश उच्च फलकारी होते हैं.
B,D,H,W,Z
चिट्ठे का तो खैर जो भी हो, आपके तिरछे तेवर के कारण आपकी बदनामी तय है और उसका परिणाम झेलेगा बेचारा आपका चिट्ठा बिना किसी वजह के. कोशिश करके इस वर्ष कम से कम लिखें और जब भी लिखें तो सिर्फ लिखें न की बकर करें. दूसरों के उपहास से सबको फायदा नहीं पहूँचता, यह आपको याद रखना चाहिये. न्यायालय में घसीटे जा सकते हैं. यह ब्लाग जगत बहुत सेंसिटिव जगह है, यहां कब कैसे और क्यूँ कोई बुरा मानेगा और आप पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, कोई नहीं जानता. इसके आगे सब ग्रह नक्षत्र फेल हैं.आप में से कुछ ने जो पूर्व में कीर्तिमान स्थापित कियें है, उनसे परेशान हो कर शत्रु वर्ग आपको तरह तरह से परेशान कर सकता है, मसलन छदम भेष धर कर आपके नाम से टिप्पणी या आपके चिट्ठे की हैकिंग का प्रयास इत्यादि. ऐसे में विचलित होने की आवश्यकता नहीं है. संयम बनाये रखें, अपनी स्थिती स्पष्ट करते रहें और अपना कार्य पूर्ववत जारी रखें.
P,Q,N,S,O
आपका चिट्ठा इस वर्ष उतार चढ़ाव के नये कीर्तिमान स्थापित करेगा. कुछ चिट्ठे वर्षांत के पहले बंद होने की कागार पर आ जयेंगे, तो कुछ बंद हो चुके होंगे. वहीं कुछ अपने होने का ऊँचा परचम लहरा रहे होंगे. अति उत्साह अक्सर पूर्ण विराम की ओर अग्रसित मार्ग का फ़्लाई ओवर होता है. आपको सलाह दी जाती है कि उत्साहपूर्वक लिखना अच्छी बात है मगर अति उत्साह के प्रवाह में बहकर कुछ भी लिखना घातक सिद्ध हो सकता है. संभल कर चलें.अपने ब्लाग को लोकप्रिय बनाने के तमाम उपायों को अंगिकृत करने से पहले पढ़नीय सामग्री प्रेषित करें और मात्र खानापूर्ति के सिवाय कुछ वाकई में लिखें ताकि इस टिप्पणी, जिसे आप तारीफ मानते हैं, "क्या लिखा है", के अदृश्य प्रश्नचिन्ह को भी आप देख पायें.."क्या लिखा है ?" तो कोई आश्चर्य न होगा.चिट्ठे के बंद करने की घोषणा कई बार उसको नये आयामों तक ले जाती है और कई बार इसके बड़े अच्छे परिणाम देखे गये हैं, दोनो तरह से टी आर पी और टिप्पणी के आधार पर. पर यह कार्य काठ की हांड़ी जैसा है जो बार बार नहीं चढ़ाई जा सकती, अतं में इसे अजमाने के पहले साख अच्छी जमा लें और एकदम ब्रह्मास्त्र की तरह उपयोग करें.
I,J,T,V,Y
बस आप अंतिम हैं, और अंतिम टाईप लग भी रहे हैं. भईया, आपका तो क्या कहें, जब तक लिखोगे नहीं तो पूछेगा कौन. न तो आप कोई ऐसी कोशिश करते हो कि एग्रीगेटर की उच्च पायदान पर बनें रहें और न ही बहुत अच्छा मटेरियल लाते हो. सिर्फ दूसरों की प्रस्तुति प्रस्तुत कर और फोटो सोटो चिपका कर क्या दुनिया की अस्मिता लूट लोगे? टिप्पणी भी चाहिये, एग्रीगेटर भी आपको रिपोर्ट करे और चर्चामंच वाले भी आपके गुणगान करें और आप बैठे ठर्राओ. ऐसा कहीं होता है क्या? एग्रीगेटर महात्म पढ़ना शुरु कर दें हर बुधवार को और चिट्ठाकारों से मधुर सबंध बनाओ. चिट्ठे के बंद करने की घोषणा कई बार उसको नये आयामों तक ले जाती है और कई बार इसके बड़े अच्छे परिणाम देखे गये हैं, दोनो तरह से टी आर पी और टिप्पणी के आधार पर. पर यह कार्य काठ की हांड़ी जैसा है जो बार बार नहीं चढ़ाई जा सकती, अतं में इसे अजमाने के पहले साख अच्छी जमा लें और एकदम ब्रह्मास्त्र की तरह उपयोग करें. ब्लाग का स्थानन्तरण कुछ असर दिखायेगा, शायद नई जगह पहूँचने का स्वागत समारोह में कुछ टिप्पणियों से नवाजा जाये या कम से कम स्थानान्तरण की सूचना की एक मौलिक पोस्ट तो बन ही जायेगी.
इसके सिवाय यदि कोई अपने ब्लाग की पर्सनल समीक्षा चाहता है तो वो आश्रम में २१ टिप्पणियां कर दें और उनका विवरण दे हमें अलग से ईमेल करें, हम उसको अलग से बतायेंगे. अरे भई, सब कुछ तो सार्वजनिक किया नहीं जा सकता हालांकि अब बचा क्या है. :)
-बाबा समीरानन्द द्वारा पूर्व घोषित भविष्यफल में फेरबदल कर रीठेल