Sunday, January 17, 2010

कुंभ शिविर से बाबा ताऊआनंद के प्रवचन

बाबा ताऊआनंद प्रवचनमाला भाग - 4


प्रिय आत्मन,

आजकल हमारे कुंभ मेला आश्रम मे दिन रात अखंड प्रवचन जारी हैं. आप लोगों की कुछ जिज्ञासाएं आती हैं उन सबका निजी रुप से जवाब देना अभी तो मुमकिन नही है. पर कुछ ऐसे प्रश्नों के उत्तर हम यहां देने की कोशीश करेंगे जिनको ज्यादातर भक्तों ने पूछा है.

बाबा ताऊआनंद कुंभ शिविर में प्रश्नोतरी सभा में


एक भक्त प्रश्न है -

बाबाश्री, मेरा मन संसार से ऊब गया है. अब घर बार, बीबी बच्चों का परित्याग करके आपकी शिष्यता ग्रहण करके मोक्ष प्राप्त करना चाहता हूं.

बाबाश्री ताऊआनंद का उत्तर -

भक्त गणों, मोक्ष की धारणा ही गलत है. आप बीबी बच्चों को त्याग कर कौन सा मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं? अगर आपने परिवार का त्याग करके कहीं मठ और आश्रम में जायेंगे तो वहां पर संसार खडा कर लेंगे. संसार तो आपके मन मे हैं. जब तक आपका मन मौजूद है तब तक संसार रहेगा.

अब देखिये ना, आप ब्लागिंग करने लगे. गोद-यंत्र (लेपटोप) को गोद मे रखे हुये आप नितांत अकेले हैं. आपके कमरे मे कोई नही है. इस समय आपकी पत्नि आपसे कुछ कहना चाहती है तो आपको लगता है कि ये सुपरणखां कहां से आगई? विघ्न डाल रही है आपकी तपस्या में. अगर बच्चे आजाये और आपसे कुछ कहना चाहे तो आप की इच्छा उनको थपडिया देने की होती है. और बाज वक्त आप ऐसा कर भी बैठते हों तो हमें कोई आश्चर्य नही होगा.

दूसरी स्थिति देखिये - आप जब ब्लागिंग कर रहे हैं तब नितांत अकेले हैं. तो आपके हिसाब से मोक्ष प्राप्त करने का सुनहरी अवसर है. यानि आप सब कुछ छोड चुके हैं. आप कहीं आपके खिलाफ़ कोई पोस्ट या कमेंट देखते हैं तो क्या होता है?

बस आप शुरु होगये. मन ही मन ५० गालियां दे डाली, और गोदयंत्र पर खटाखट उसके खिलाफ़ कुंठित या लुंठित कमेंट कर डाला. अब बताईये ..कहां गया आपका एकांकीपन? आप तो अकेले थे ना? फ़िर कहां से यह सब खुराफ़ात शुरु हुई?

ये सारी खुराफ़ात शुरु हुई आपके मन से. तो भक्त गणों, कुछ छोडने या पकडने की आवश्यकता नही है. संसार आपके मन मे है. अगर आपको सच मे कुछ छोडना ही है तो अपने मन की गांठ छोडिये. हमारे प्रवचन ध्यान से सुनिये उन पर गौर करिये, फ़िर जब आपकी उत्तम स्थिति दिखेगी तब हम आपको मन पर नियंत्रण की विधी समझायेंगे.

अब और कोई प्रश्न देना चाहे तो दे सकते हैं.

( एक भक्त खडा होकर सवाल पूछना चाहता है)

भक्त - बाबाश्री, आपने बहुत ही सुंदर शंका समाधान किया है. आपने ब्लागजगत का उदाहरण देकर बडे ही रोचक तरीके से समझाया है जो सीधे दिमाग मे फ़िट होगया है. बाबाश्री मैं एक शंका का समाधान चाहता हूं.

बाबाश्री ताऊआनंद - भक्त, सर्वप्रथम तो अपना नाम बताओ तदुपरांत अपना प्रश्न प्रस्तुत करो. तुम्हारी जिज्ञासा हम अवश्य शांत करेंगे.

भक्त - बाबाश्री, मेरा नाम ललित शर्मा है. मुझे यह पूछना है कि आजकल मौज के नाम बहुत कुछ चल रहा है. क्या आप इस मौज लेने पर कुछ प्रकाश डालेंगे. हे बाबा शिरोमणी, इस मौज शब्द ने ब्लागजगत मे तहलका मचा रखा है, चारों तरफ़ अशांति छा गई है. मेरा मन बहुत ही व्यथित है. वो तो आपका आजका प्रवचन सुनकर मुझे समझ आगया वर्ना मैं तो स्वयम टंकी पर चढने की घोषणा करने वाला था.

बाबाश्री ताऊआनंद - हे परम भक्त शिरोमणी ललित, वैसे तो आप स्वयम परम ज्ञान को उप्लब्ध हैं, परंतु कभी कभी यह माया अच्छे २ पुरुषों को व्यथित कर डालती है. और आप स्वयम इस प्रश्न का उत्तर अच्छी तरह जानते हैं. तथापि आप हमारे श्रीमुख से इसका उत्तर चाहते हैं तो कल के सत्र मे हम इसका विस्तृत उत्तर दे पायेंगे, क्योंकि प्रश्न अति गूढ गंभीर है और इसे उदाहरण सहित समझाना होगा.

भक्तों अब आप हमारे साथ थोडी देर कीर्तन मे शामिल होकर अपने अपने शयन स्थल तक प्रस्थान करेंगे.

अब आज के लिये इतना ही. आपका शुभ हो...कल्याण हो!

11 comments:

  1. बाबाश्री की जय हो. बाबाश्री आपने बडे अत्यंत ही शीतल वचन कहे. अब मौज के बारे मे आपके विचार जानने की उत्कट अभिलाषा है.

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  2. बाबाश्री ताऊआनंद महाराज की जय हो!

    ब्लाग जगत के उदाहरण से बात समझ आगई महाराज जी. अब मौज वाली बात भी आपके श्रीमुख से समझ कर मोक्ष को प्राप्त होंगे!

    बोलो बाबाश्री ताऊआनंद महाराज की जय हो!

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  3. बहुत जोरदार जोरदार प्रश्न उत्तर है ... मोक्ष की और ही अग्रसर है अर्थात टंकी से नीचे गिरने का समय अब सन्निकट है ऐसा मैंने ब्लॉग चालीसा और ब्लॉग महापुराण में पढ़ा है ...और महापुरुषों के श्रीमुख से सुना है ...

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  4. प्रवचन में भी ब्‍लॉग , ब्‍लॉगर और ब्‍लॉगिंग ??

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  5. इस ज्ञानामृ्त से हम भी धन्य हुए!!!

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  6. कृपा करो महाराज, अब मुमुक्षु को सद्ज्ञान मिल जाए। इससे अच्छी बात क्या है।

    कृपा दृष्टि बनी रहे।
    कुंभ मे आपकी आश्रम शाला कहां पर स्थित है कृपया पता दें तो भक्तों और भटकों को पहुँचने मे आसानी होगी।

    जय हो महाराज

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  7. कृपा करो महाराज, अब मुमुक्षु को सद्ज्ञान मिल जाए। इससे अच्छी बात क्या है।

    कृपा दृष्टि बनी रहे।
    कुंभ मे आपकी आश्रम शाला कहां पर स्थित है कृपया पता दें तो भक्तों और भटकों को पहुँचने मे आसानी होगी।

    जय हो महाराज

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  8. च्मत्क्रित हुआ प्रभू। जय हो।

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  9. बाबाश्री ताऊआनंद महाराज की जय हो!

    यह आश्रम ही ब्लॉगजगत का है तो प्रवचन में ब्लॉगजगत की वार्ता पर अचरज नहीं होना चाहिये.


    जय हो...जय हो...जय हो!!

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  10. जय हो बाबा जी की !
    प्रणाम !
    इस मौज वाले अति गूढ गंभीर प्रश्न के उत्तर का तो हमें भी इंतजार रहेगा गुरुदेव |

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